अगर तुम्हें मिलूं तो मुझे भी
मिलाना।
मुझे मेरे घर का पता
बताना।
खो जाती हूँ
दिन के उजालों में
,
रहती नहीं शाम सायों
में ,
कहाँ है मेरा ठिकाना,
बताना।
न तारों पास
हूँ ,
न फूलों से
दूर ,
बारिशों में भीग जाती हूँ ज़रूर ,
ओस की बूंदों
से बनता है जो नूर
,
तुम देख पाओ तो मुझे भी
दिखाना ,
अगर तुम्हें मिलूं , तो मुझे भी
मिलाना
मुझे मेरे घर का पता
बताना।
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