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Showing posts from August, 2019

भ्रम

ना हो कर भी तुम मौजूद हो यहाँ, सुन सकते हो जो मैंने मनन में कहा, किसी और की परछाई में भी जब तुम दिखो, कुछ और नहीं ये मेरा भ्रम ही तो है । ये मेरा भ्रम ही तो है जो मैं आज भी, रातों में रहती हूँ जागती, कहती रहती हूँ जो तब ना कहा, सुनती हूँ तुमको मैं आज भी । इस दुनिया में अब तुम्हारा निशान ना कोई, अपनी यादों को मैं भूलती गयी, मिटा कर सारे निशां दुखों के, तुम्हे भूल जाना मेरा भ्रम ही तो है । इस दिन से हर साल मैं भागती, ना आये तू याद ये दुआ मांगती, ना आएगा याद तू, ये सोचना, ये सोचना मेरा भ्रम ही तो है ।